What is a satellite railway station: जयपुर के रेलयात्रियों को उत्तर पश्चिम रेलवे ने बड़ी सौगात दी है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने जयपुर के खातीपुरा को सेटेलाइट रेलवे स्टेशन का तोहफा दिया है. इसके साथ ही अजमेर, जोधपुर, उदयपुर के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. जिससे अकेले जयपुर जंक्शन से ही रोजाना एक से डेढ़ लाख लोग सफर करने वाले यात्रियों को अब राहत मिली है. इसी के साथ सेटेलाइट रेलवे स्टेशन क्या होता है और यह कैसे काम करेगा यह सोचने का विषय बन गया है तो चलिए जानते है कि आखिर सेटेलाइट रेलवे स्टेशन क्या होता है.
सेटेलाइट रेलवे स्टेशन क्या होता है
शहरों के मुख्य रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की यातायात व्यवस्था को सुरक्षित सुगम बनाने के लिए आजूबाजू में विकसित किए गए नये छोटे स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन कहा जाता है, जिससे बड़े रेलवे स्टेशन पड़ रहा यात्रीभार कम हो जाए.
कैसे करता है काम
सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित होने के बाद खातीपुरा से ही अजमेर, उदयपुर और जोधपुर रूट की इंटरसिटी और पैसेंजर सवारी गाड़ियां संचालित होने लगेंगी. जयपुर जंक्शन का लोड कम हो जाएगा. इसमें जयपुर रेलवे स्टेशन जैसी पूरी सुविधाएं मिलेगी. खातीपुरा सेटेलाइट स्टेशन जयपुर जंक्शन से लगभग 6 कि.मी दूर है.
सेटेलाइट रेलवे स्टेशन पर यह होती है सुविधा
सेटेलाइट रेलवे स्टेशन पर ही रेलवे स्टेशन जासी ही सुविधाएं होती है. जैसे प्रतीक्षालय रूम, विश्राम गृह, एसकेलेटर यानी बिजली से चलने वाली सीढिय़ां, इंडक्शन बोर्ड, इनक्वायरी रूम, टेलीफोन सुविधा, प्लेटफॉर्म टिकट मशीन, विकलांगों के लिए सुविधा, कुली, रिटारयमेंट रूम, पीने का पानी, सफाई, लाइट सुविधा रेलवे स्टेशन पर होती हैं.
इसके अलावा स्टेलाइट स्टेशन बनाने से पहले छोटे रेलवे स्इटेशन का दायरा बढ़ाया जाता है . जैसे खातीपुरा रेलवे स्टेशन का किया गया. यह रेलवे स्टेशन पहले से चल रहा था. लेकिन यहां पहले बहुत कम ट्रेनों का ठहराव था. वहीं अब यहां 8 रेलवे ट्रैक बनाए गए हैं. अब खातीपुरा से अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर जाने वाले ट्रेनें संचालित होंगी. यानि इन शहरों को जाने वाले यात्रियों को अब खातीपुरा से जयपुर जंक्शन आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा जो ट्रेनें 12 से 15 घंटे जयपुर जंक्शन पर हॉल्ट करती हैं वे भी अब खातीपुरा स्टेशन पर ठहरेंगी. इसका अर्थ यही है कि मुख्य रेलवे स्टेशन का भार कम करती है.